करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं और रात को चंद्र दर्शन करने के बाद ही कुछ खाती हैं। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार करवा चौथ पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। करवा चौथ पर 13 साल बाद एक अद्भुत संयोग भी बन रहा है। इससे वैवाहिक जीवन की तमाम अड़चनें भी दूर हो जाएंगी।
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क्या करें, क्या ना करें
करवा चौथ के व्रत पर चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाएं। थाली में दीपक, सिंदूर, अक्षत, कुमकुम, रोली और चावल की बनी मिठाई या सफेद मिठाई रखें। संपूर्ण श्रंगार करें और करवे में जल भरकर मां गौरी और गणेश की पूजा करें। चंद्रमा के निकलने पर छन्नी से या जल में चंद्रमा को देखें और अर्घ्य दें। करवा चौथ व्रत की कथा सुनें। इसके बाद अपने पति की लम्बी आयु की कामना करें। श्रृंगार की सामग्री का दान करें और अपनी सासू माँ से आशीर्वाद लें। केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है। ऐसी महिलाएं ही ये व्रत रख सकती हैं। काले या सफेद वस्त्र धारण न करें। अगर स्वास्थ्य अनुमति नहीं देता तो उपवास न रखें। नीम्बू पानी पीकर ही उपवास खोलें।
करवा चौथ पर करें ये चमत्कारी उपाय
अगर पति पत्नी के बीच में बेवजह झगड़ा होता है तो जल में ढेर सारे सफेद फूल डालकर अर्घ्य दें। अगर पति-पत्नी के बीच में प्रेम कम हो रहा है तो जल में सफेद चंदन और पीले फूल डालकर अर्घ्य दें। अगर पति पत्नी के स्वास्थ्य के कारण वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो तो पति-पत्नी एक साथ चन्द्रमा को अर्घ्य दें। जल में जरा सा दूध और अक्षत डालें। अगर नौकरी के कारण या जीवन में किसी अन्य कारण से पति-पत्नी के बीच में दूरियां हों तो चन्द्रमा को शंख से जल अर्पित करें।