केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरगुजा जिले के सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महासमुंद के कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कोरबा के गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाजा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 89 प्रतिशत, कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 85 प्रतिशत और सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 84 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।
]]>शेष 13 चिकित्सा अधिकारियों को विभाग द्वारा अनुपस्थित होने के कारणों को स्पष्ट करने हेतु युक्तियुक्त अवसर देते हुए 1 दिसम्बर 2022 को प्रकरण की सुनवाई नियत की गई थी। पर इन 13 चिकित्सा अधिकारियों में से कोई भी सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ और न ही उनके द्वारा कोई अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। इन चिकित्सा अधिकारियों में से 11 चिकित्सा अधिकारी तीन वर्ष से अधिक समय से और दो चिकित्सा अधिकारी तीन वर्ष से कम समय से अनुपस्थित हैं। राज्य शासन द्वारा 11 अनुपस्थित चिकित्सा अधिकारियों के विरुद्ध तीन वर्ष से अधिक समय से अनुपस्थित होने के कारण सेवा समाप्त किए जाने तथा तीन वर्ष से कम की अनुपस्थिति वालों पर विभागीय जांच संस्थित किए जाने तथा परिविक्षाधीन होने पर अवधि बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है।
जिन 11 चिकित्सा अधिकारियों की सेवा समाप्त की गई है उनमें डॉ. सुमीत सोलंकी, चिकित्सा अधिकारी, दस बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय कबीरधाम, डॉ. रिद्धी अरोरा, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय दुर्ग, डॉ. सुरेंद्र कुमार सिस्टू, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय दुर्ग, डॉ. छवि जांगड़े, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय बेमेतरा, डॉ. पारुल जोगी, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी, डॉ. तान्या मिश्रा, चिकित्सा अधिकारी, 50 बिस्तर, एमसीएच, डॉ. शारदा परिहार, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय मुंगेली, डॉ. शबा परवीन, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय सूरजपुर, डॉ. धनंजय प्रसाद साहू, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनहत और डॉ. कमल कुमार डहिरे, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार शामिल हैं। इन सभी की सेवा समाप्त करते हुए उनकी अनुपस्थिति दिनांक से आदेश जारी करने के दिनांक तक की अवधि को अकार्य दिवस घोषित कर सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 27 सहपठित मूलभूत नियम 17 ए के अधीन सभी उद्देश्यों के लिए सेवा से व्यवधान माना जाए, जो सेवा के किसी भी प्रयोजन हेतु मान्य नहीं होगा। साथ ही तीन वर्ष से कम समय से अनुपस्थित दो चिकित्सा अधिकारियों डॉ. ज्योति सोनवानी, चिकित्सा अधिकारी, मातृत्व एवं शिशु अस्पताल बेमेतरा एवं डॉ. अवधेश्वर साय, भेषज विशेषज्ञ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित किया गया है। इन दोनों चिकित्सा अधिकारियों को 15 दिवस के भीतर प्रतिवाद उत्तर प्रस्तुत करने पत्र भेजा गया है।
]]>मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि रेडियो संगवारी के माध्यम से छत्तीसगढ़ी लोक कला, लोक संस्कृति और गीत-संगीत को आम लोगों तक डिजिटल रेडिया स्टेशन के माध्यम से पहुंचाने के लिए रेडियो संगवारी की स्थापना की गई है, मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई। मुझे बताया गया है कि छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को एप के माध्यम से पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचाया जाएगा, निश्चित रूप से यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की लुप्त हो रही सांस्कृतिक विधाओं और कला परंपराओं को नया जीवन देने के लिए यह प्लेटफार्म एक ताकतवर माध्यम हो सकता है। नये कलाकारों की प्रतिभाओं को भी इसके माध्यम से आसानी से दुनिया के सामने लाया जा सकता है। रेडियो की श्रोताओं की आज भी कमी नहीं है। अपने नवाचारों और अपनी नयी सोच के कारण बहुत से रेडियो स्टेशन आज भी बहुत ही लोकप्रिय है, मुझे उम्मीद है कि रेडियो संगवारी द्वारा शुरू किया जा रहा डिजिटल रेडियो स्टेशन भी ऐसा ही लोकप्रिय माध्यम बनेगा।
]]>बेरोजगारी भत्ते के लिये आवेदन का ऑन-लाइन पोर्टल 1 अप्रैल से खुलेगा आवेदन करने के लिये रोजगार कार्यालय आने की आवश्यकता नही है. आवेदन किसी भी स्थान से ऑन लाइन पोर्टल पर किया जा सकता है। चॉइस सेंटरों पर भी आवेदन किया जा सकता है. इस पोर्टल का यू. आर. एल. है http://berojgaribhatta.cg.nic.in/PrintEmplCard.aspx. – सभी आवेदकों को सलाह दी जाती है कि आवेदन का फार्म भरने के पूर्व वे एक वर्ष के भीतर का आय प्रमाणपत्र, मूल निवासी प्रमाणपत्र, कक्षा दसवीं की मार्कशीट या प्रमाणपत्र जिसमें जन्मतिथि लिखी हो, कक्षा 12 वीं की मार्क शीट या प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज़ फोटो एवं रोजगार पंजीयन कार्ड तैयार रखें क्योंकि यह दस्तावेज़ आवेदन फार्म में अपलोड करने होंगे।
आवेदन के बाद सभी आवेदकों को दस्तावेजों के नैतिक सत्यापन के लिये पहले से समय देकर बुलाया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में 3-5 पंचायतों, तथा नगरीय क्षेत्रों में 3-4 वार्डों के समूह के क्लस्टर बनाये जायेंगे, दस्तावेजों का सत्यापन इन क्लस्टरों में किया जायेगा, जिससे किसी भी आवेदक को दस्तावेज सत्यापन के लिये अपने घर से दूर न जाना पड़े। सत्यापन स्थल पर आवेदकों के बैठने, आदि की अच्छी व्यवस्था होगी। सत्यापन के लिये पर्याप्त संख्या में अधिकारियों की टीमें भी उपलब्ध रहेगी।
आवेदन पत्र में आवेदक के बैंक खाते की जानकारी ली जा रही है, जिसका सत्यापन बैंक मेनेजर से कराने के बाद बेरोज़गारी भत्ते की राशि आवेदक के बैंक खाते में प्रतिमाह सीधे भेजी जायेगी। आवेदक कृपया ध्यान रखकर अपने बैंक खाते की सही जानकारी भरें, जिससे उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलने में कोई कठिनाई न हो. आवेदक को अपने ही बैंक खाते की जानकारी भरनी है, किसी अन्य व्यक्ति के बैंक खाते की नहीं, अन्यथा बैंक मेनेजर सत्यापन के समय बैंक खाते को गलत बतायेगा, और बेरोजगारी भत्ते की राशि उस खाते में अंतरित नही होगी।
बेरोज़गारी भत्ते के आवेदन के लिये कोई अंतिम तिथि नहीं है, इसलिये किसी भी व्यक्ति को हड़बड़ी करने की आवश्यकता नही है, बेरोज़गारी भत्ते के आवेदन का पोर्टल लगातार खुला रहेगा, और आवेदक किसी भी दिन किसी भी समय ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, राज्य सरकार सभी पात्र व्यक्तियों को बेरोजगारी भत्ता देने के लिये कृतसंकल्पित है।
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