समिति के सदस्य निम्नलिखित होंगे :-
1.नारायण चंदेल, नेताप्रतिपक्ष छ.ग विधानसभा
2. रामविचार नेताम, पूर्व सांसद राज्यसभा
3. संजय श्रीवास्तव संभागीय प्रभारी सरगुजा
4 कृष्ण कुमार राय प्रदेश कार्यसमिति सदस्य
5. सुनील गुप्ता, जिलाध्यक्ष जशपुर भाजपा
6. रायमुनि भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष जशपुर
]]>कलेक्टर बसंल ने अर्जुनी में पूजा निषाद के घर पहुंचकर आर्थिक सर्वेक्षण संबंधित जानकारी ली साथ ही प्रगणक दलों से चर्चा की और सर्वेक्षण के लिए निर्धारित प्रपत्र का अवलोकन किया। कलेक्टर ने प्रगणक दलों को पूरी गंभीरता से त्रुटि रहित सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सर्वेक्षण के लिए मकानों की नंबरिंग, सर्वे की प्रक्रिया, मोबाइल एप, पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री और मैनुअल एंट्री के संबंध में निर्देश दिए। सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 कार्य में नियुक्त अधिकारियों और प्रगणक से इस संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में डाटा बेस के अनुसार पात्र पाये जाने पर हितग्राही को शासकीय योजनाओं का लाभ मिलेगा। कलेक्टर ने सामाजिक- आर्थिक सर्वेक्षण 2023 कार्य के संबंध में चर्चा करते हुए इस संबंध में अवसर आवश्यक और महत्वपूर्ण जानकारी जानकारी दी। कलेक्टर ने अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि गांव के सभी नागरिकों को सामाजिक- आर्थिक सर्वेक्षण में भागीदार बनने के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही कलेक्टर बसंल ने ग्रामीणों को सर्वेक्षण कार्य में सहयोग करने की अपील की।
ग्राम अर्जुनी एक बड़ी जनसंख्या वाली क्षेत्र है यहां लगभग 8 हजार की आबादी है इस क्षेत्र को देखते हुए कलेक्टर बसंल ने सर्वेक्षण कार्य हेतु 2 अतिरिक्त टीम गठन करने के लिए कहा ताकि निर्धारित समय पर सर्वेक्षण कार्य संपन्न हो। वही गर्मी को देखते हुए वही अर्जुनी के पूर्व सरपंच गंगाराम वर्मा ने कलेक्टर बंसल से नहर में पानी की मांग की। इस पर कलेक्टर ने जल्द ही नहर में जल आपूर्ति की बात कही ताकि आम जनजीवन को लाभ मिल सके। उक्त निरीक्षण के दौरान जिला मास्टर ट्रेनर बी प्रजापति, सुपरवाइजर भूपेंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी, सुपरवाइजर,प्रगणक दल के सदस्य श्रीमती प्रमिला,अन्नपूर्णा ध्रुव व ग्रामीण उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 में डाटाबेस जानकारी जैसे-परिवार के मुखिया की जानकारी, शैक्षणिक योग्यता, रोजगार की जानकारी,प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत है या नहीं,धान विक्रय का किसान पंजीयन क्रमांक, आधार नंबर, राशन कार्ड में परिवार की सूची,नरेगा जॉब कार्ड, परिवार की भूमि की जानकारी, परिवार की वार्षिक आय,सिंचाई साधन,वाहन एवं अन्य सामग्री, घर कच्चे या पक्के मकान,परिवार के कितने सदस्यों ने कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया,मोबाइल नंबर,उज्ज्वला गैस कनेक्शन,रोजगार की जानकारी जैसे-कृषि कार्य, स्वरोजगार,शासकीय नौकरी,निजी नौकरी,मजदूरी, बेरोजगारी इत्यादि का सर्वेक्षण किया जा रहा है
]]>वॉक कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक, एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, एएसपी नीरज चन्द्राकर, एएसपी पश्चिम डी.सी.पटेल, एएसपी यातायात जयप्रकाश बढ़ई, एएसपी प्रोटोकॉल पिताम्बर पटेल, एएसपी आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू. चंचल तिवारी, सीएसपी आजाद चौक मयंक गुर्जर (भा.पु.से.), सीएसपी सिविल लाईन मनोज ध्रुव, नगर पुलिस अधीक्षक उरला अविनाश मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक अटल नगर नवा रायपुर जितेन्द्र चन्द्राकर, उप पुलिस अधीक्षक आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू. ललिता मेहर, रायपुर पुलिस के थाना प्रभारीगण सहित आला अधि./कर्म., कलिंगा, मैट्स, आई.टी.एम., कोलम्बिया यूनिवर्सिटी, नर्सिंग कालेज, दुर्गा कालेज, एन.सी.सी. कैडेट्स, 50 से अधिक संगठनों सहित आमजन कुल लगभग 6 – 7 हजार लोग शामिल हुये। रायपुर पुलिस की इस मुहिम में शामिल लोगों ने इस कार्यक्रम की भूरी – भूरी प्रशंसा की और इस प्रकार के आयोजन को लोगों ने सराहा। रायपुर पुलिस का यह मुहिम सफल रहा। इस मुहिम में जुड़े लोगों द्वारा महिला सशक्तिकरण और महिलाओं के विरूद्ध अपराध के प्रति संवेदनीकरण के लिए हमारे साथ चलो “WALK FOR CAUSE” (WALK WITH US FOR WOMEN EMPOWERMENT AND SENSITISATION OF CRIME AGAINST WOMEN) का पालन करने के संबंध में शपथ भी लिया गया। रायपुर पुलिस द्वारा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। रायपुर पुलिस लगातार 24 घंटे महिलाओं एवं आम जनता की सुरक्षा एवं समस्याओं के निराकरण हेतु सदैव तत्पर है।
]]>केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरगुजा जिले के सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, महासमुंद के कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कोरबा के गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण पत्र से नवाजा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम के मूल्यांकन में गोपालपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 89 प्रतिशत, कोमाखान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 85 प्रतिशत और सीतापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 84 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।
]]>मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार छत्तीसगढ़ में आज से बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू हो गया है। इस योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को हर माह 2500 रूपए का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। बेरोजगारों को साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी। बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ लेने आवेदक के पूरे परिवार की आय सलाना 2.50 लाख रूपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। परिवार से तात्पर्य पति-पत्नी, आश्रित बच्चे और आश्रित माता-पिता से है।
पात्रता की शर्तें-
बेरोजगारी भत्ता योजना के आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना आवश्यक है। योजना के लिए आवेदन किए जाने वाले वर्ष के 1 अप्रैल को आवेदक की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम हायर सेकेण्डरी यानी 12वीं कक्षा पास हो। साथ ही छत्तीसगढ़ के किसी भी जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र में पंजीकृत हो और आवेदन के वर्ष की 1 अप्रैल की स्थिति में हायर सेकेण्डरी या उससे अधिक योग्यता से उसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो। आवेदक की स्वयं का आय का कोई स्रोत न हो और आवेदक के परिवार के सभी स्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपए से अधिक न हो। पारिवारिक आय हेतु तहसीलदार या उससे उच्च राजस्व अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र बेरोजगारी भत्ता की आवेदन तिथि से 1 वर्ष के अंदर ही बना हो।
कौन होगा अपात्र-
बेरोजगारी भत्ता योजना के आवेदक के परिवार के एक से अधिक सदस्य यदि पात्रता की शर्तों को पूरा करते हैं तो परिवार के एक ही सदस्य को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा। ऐसी स्थिति में बेरोजगारी भत्ता उस सदस्य को स्वीकृत किया जाएगा, जिसकी उम्र अधिक हो। उम्र समान होने की स्थिति में रोजगार कार्यालय में पहले पंजीयन करने वाले सदस्य को बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्र किया जाएगा। उम्र और रोजगार पंजीयन की तिथि, दोनों समान होने की स्थिति में उस सदस्य को पात्र किया जाएगा जिसकी शैक्षणिक योग्यता अधिक हो। आवेदक के परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी संस्था या स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या फिर ग्रुप डी को छोड़कर अन्य किसी भी श्रेणी की नौकरी में होने पर ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होगा। यदि आवेदक को स्वरोजगार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी का ऑफर दिया जाता है, परंतु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो वह योजना के लिए अपात्र हो जाएगा। पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे। साथ ही ऐसे पेंशनभोगी जो 10 हजार रूपए या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं, उनके परिवार के सदस्य भत्ते के लिए अपात्र होंगे। साथ ही इनकम टैक्स भरने वाले परिवार के सदस्य, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिए अपात्र होंगे।
शेष 13 चिकित्सा अधिकारियों को विभाग द्वारा अनुपस्थित होने के कारणों को स्पष्ट करने हेतु युक्तियुक्त अवसर देते हुए 1 दिसम्बर 2022 को प्रकरण की सुनवाई नियत की गई थी। पर इन 13 चिकित्सा अधिकारियों में से कोई भी सुनवाई में उपस्थित नहीं हुआ और न ही उनके द्वारा कोई अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। इन चिकित्सा अधिकारियों में से 11 चिकित्सा अधिकारी तीन वर्ष से अधिक समय से और दो चिकित्सा अधिकारी तीन वर्ष से कम समय से अनुपस्थित हैं। राज्य शासन द्वारा 11 अनुपस्थित चिकित्सा अधिकारियों के विरुद्ध तीन वर्ष से अधिक समय से अनुपस्थित होने के कारण सेवा समाप्त किए जाने तथा तीन वर्ष से कम की अनुपस्थिति वालों पर विभागीय जांच संस्थित किए जाने तथा परिविक्षाधीन होने पर अवधि बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है।
जिन 11 चिकित्सा अधिकारियों की सेवा समाप्त की गई है उनमें डॉ. सुमीत सोलंकी, चिकित्सा अधिकारी, दस बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय कबीरधाम, डॉ. रिद्धी अरोरा, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय दुर्ग, डॉ. सुरेंद्र कुमार सिस्टू, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय दुर्ग, डॉ. छवि जांगड़े, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय बेमेतरा, डॉ. पारुल जोगी, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी, डॉ. तान्या मिश्रा, चिकित्सा अधिकारी, 50 बिस्तर, एमसीएच, डॉ. शारदा परिहार, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय मुंगेली, डॉ. शबा परवीन, चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सालय सूरजपुर, डॉ. धनंजय प्रसाद साहू, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनहत और डॉ. कमल कुमार डहिरे, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरसाबहार शामिल हैं। इन सभी की सेवा समाप्त करते हुए उनकी अनुपस्थिति दिनांक से आदेश जारी करने के दिनांक तक की अवधि को अकार्य दिवस घोषित कर सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के नियम 27 सहपठित मूलभूत नियम 17 ए के अधीन सभी उद्देश्यों के लिए सेवा से व्यवधान माना जाए, जो सेवा के किसी भी प्रयोजन हेतु मान्य नहीं होगा। साथ ही तीन वर्ष से कम समय से अनुपस्थित दो चिकित्सा अधिकारियों डॉ. ज्योति सोनवानी, चिकित्सा अधिकारी, मातृत्व एवं शिशु अस्पताल बेमेतरा एवं डॉ. अवधेश्वर साय, भेषज विशेषज्ञ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित किया गया है। इन दोनों चिकित्सा अधिकारियों को 15 दिवस के भीतर प्रतिवाद उत्तर प्रस्तुत करने पत्र भेजा गया है।
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